Friday 25 June 2021

मेरा साया साथ होगा..!


संगीत और उसे साकार करने के बारे में मदन मोहन और साधना की विचारविमर्श की दुर्लभ तर्स्वीर!

ग़ज़ल में माहिर मौसीकार मदन मोहन साहब का आज ९७ वा जनमदिन!

'वह कौन थी?' फ़िल्म के "लग जा गले.." गाने में साधना!
 
१९६४ और १९६६ ये दो साल उनकी म्यूजिक कैरियर में बहुत कामयाब रहें, जिनमे उनकी पांच-पांच फिल्में हिट रहीं।

इन दोनों सालों में, 'फ़िल्म नॉयर' जॉनर में माहिर राज खोसला जी (जिनपर मैंने काफी लिखा) इनकी बेहतरीन फिल्मों को मदन- मोहन जी ने संगीतबद्ध किया। इन में एक 
थी "वह कौन थी?' (१९६४) और दूसरी थी 'मेरा साया' (१९६६).

 
'मेरा साया' (१९६६) फ़िल्म के "तू जहाँ जहाँ चलेगा.." गाने में साधना!
 
इन दोनों के नग़्मानिगार थे राजा मेहदी अली ख़ान जी और उनके गानों को अपनी सुरीली आवाज़ में गाया था लता मंगेशकर जी ने!

इन दोनों में खूबसूरत साधना जी दोहरी भूमिकाओं में थी और अपनी लाजवाब अदाकारी से परदे पर छा गयी। इन में 
"वह कौन थी?' (१९६४) का "लग जा..
गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो.." 
और 'मेरा साया' (१९६६) का "तू जहाँ 
जहाँ चलेगा, मेरा साया साथ होगा.." 
गीतों के उनके शाहकार यादगार रहें!

लाजवाब संगीत और अदाकारी की यह याद!!

- मनोज कुलकर्णी

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