मेरे इस ब्लॉग पर हमारे भारतीय तथा पूरे विश्व सिनेमा की गतिविधियों पर मैं हिंदी में लिख रहा हूँ! इसमें फ़िल्मी हस्तियों पर मेरे लेख तथा नई फिल्मों की समीक्षाएं भी शामिल है! - मनोज कुलकर्णी (पुणे).
Tuesday 1 June 2021
वह नर्गिस ही थी यहाँ अदाकारी के चमन में
आसमाँ में चाँद को भी जिससे प्यार हुआ है!
- मनोज 'मानस रूमानी'
अपने भारतीय सिनेमा का यादगार और मेरा पसंदीदा स्वप्नदृश्य 'आरके' की फ़िल्म 'आवारा' (१९५१) से..
No comments:
Post a Comment