मेहदी हसन और अपने दो तलत!
"मोहब्बत करनेवालें कम ना होंगें.." गानेवाले दोनों मुल्कों में मक़बूल..ग़ज़ल गायकी के शहंशाह मेहदी हसन और हमारी फ़िल्मों में ग़ज़ल गायकी लोकप्रिय करनेवालें दो तलत!
"सीने में सुलगतें हैं अरमां.." गानेवाले हमारे सिनेमा के सुनहरे दौर के तलत महमूद और
"ज़िंदगी जब भी तेरी बज़्म में लाती है हमें.." गानेवाले आज के दौर के तलत अज़ीज!
इनकी मेहदी हसन जी से मुलाकातों की ये यादगार तस्वीरें!
देखकर मेहदीसाहब की ग़ज़ल (आज उनके स्मृतिदिन पर) गुनगुनाने को मन करता हैं..
"रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ.."
- मनोज कुलकर्णी
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