Sunday, 27 June 2021

'छोटे नवाब'..मेहमूद और पंचम!


लोकप्रिय संगीतकार पंचम (आर.डी.बर्मन) और कॉमेडी किंग मेहमूद चर्चा करतें!

अपने मदहोश संगीत से फ़िल्मी दुनिया को रिझाने वाले पंचमदा..आर. डी. बर्मन जी का आज ८२ वा - जनमदिन! उनके इंडिपेंडेंट फ़िल्म कैरियर को अब ६० साल पुरे हुएं, जो शुरू हुआ था अपने कॉमेडी किंग मेहमूद की बदौलत.. उन्होंने १९६१ में बनाई फ़िल्म 'छोटे नवाब' से!

'छोटे नवाब' (१९६१) फ़िल्म के क्लब डांस सॉन्ग में मेहमूद और हेलन!
हालांकि, १९५९ में गुरुदत्त के असिस्टेंट रहे निरंजन जी ने 'राज़' नाम की फ़िल्म स्वतंत्र शुरू की थी, जिसका संगीत करने का मौका पंचम को मिला। शैलेन्द्र जी ने लिखें इसके दो गानें गीता दत्त और आशा भोसले की आवाज़ में उन्होंने रिकॉर्ड भी किए थे; लेकिन यह फ़िल्म पूरी नहीं हुई!

बहरहाल १९६१ में मेहमूद ने फ़िल्म प्रोडक्शन का जब सोचा तब इस 'छोटे नवाब' का संगीत देने के लिए दिग्गज संगीतकार एस.डी. बर्मन को पूछा। लेकिन बर्मनदा ने उसे गंभीरता से न लेते नकारा! तब उनके पास तबला बजा रहें बेटे पंचम को इस भाईजान ने चुना! और.. 'संगीतकार आर. डी. बर्मन' नाम उभर आया।

जाहिर है मेहमूद ही इस फ़िल्म के हीरो थे। उनके साथ अमीता, हेलन और अपने सिनेमा के और एक विनोदवीर जॉनी वॉकर भी थें। शैलेन्द्रजी ने ही इस फ़िल्म के गानें लिखें थें, जिसमें लता मंगेशकर जी ने गाया "घर आजा घिर आए बदरा.." यह पूरा क्लासिकल था। तो दूसरी तरफ उन्होंने मोहम्मद रफ़ी जी के साथ गाया "मतवाली आँखों वाले.." यह क्लब सॉन्ग था जिसपर पूरी तरह पंचम की छाप थी और इसपर मेहमूद और हेलन कमाल के नाचें थें।

'भूत बंगला' (१९६५) फ़िल्म में पंचम (आर.डी.) और मेहमूद!
इसके बाद पंचम और मेहमूद दोस्त ही बनें। फिर भाईजान की अगली फ़िल्म 'भूत बंगला' (१९६५) में तो पंचम उस के साथ परदे पर भी आए और उन्होंने अपना किरदार बख़ूबी निभाया।

वैसे ये दोनों अपने सिनेमा के संगीत-कला के अवलिया थे!

- मनोज कुलकर्णी

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