Saturday, 26 June 2021

मेरे दो अज़ीज़ शायर..
साहिर लुधियानवी और मजरूह सुलतानपुरी!

साथ बैठें हुए उनकी यह दुर्लभ तस्वीर कुछ बयां करती हैं!

साहिर साहब यथार्थवाद की तरफ थे और मजरूह साहब का मिज़ाज ज़्यादातर रूमानी था!

दोनों को सलाम!!

- मनोज कुलकर्णी

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