मेरे इस ब्लॉग पर हमारे भारतीय तथा पूरे विश्व सिनेमा की गतिविधियों पर मैं हिंदी में लिख रहा हूँ! इसमें फ़िल्मी हस्तियों पर मेरे लेख तथा नई फिल्मों की समीक्षाएं भी शामिल है! - मनोज कुलकर्णी (पुणे).
Monday 7 June 2021
दिलीप कुमार जी और फैज़ अहमद फैज़ जी!
"कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल, कब रात बसर होगी
सुनते थे वो आएँगे..सुनते थे सहर होगी.."
आज ये अल्फ़ाज़ याद आ रहें हैं लाजवाब शायर फैज़ अहमद फैज़ जी के..
अपने लाजवाब अदाकार दिलीप कुमार जी के लिए!
युसूफ साहब के फैज़ साहब बहुत अज़ीज़..जिनकी शायरी वो अक्सर सुनाते रहें!
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