Monday 7 June 2021

दिलीप कुमार जी और फैज़ अहमद फैज़ जी!

"कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल, कब रात बसर होगी
सुनते थे वो आएँगे..सुनते थे सहर होगी.."

आज ये अल्फ़ाज़ याद आ रहें हैं लाजवाब शायर फैज़ अहमद फैज़ जी के..
अपने लाजवाब अदाकार दिलीप कुमार जी के लिए!

युसूफ साहब के फैज़ साहब बहुत अज़ीज़..जिनकी शायरी वो अक्सर सुनाते रहें!

अब बस वो सहर हो!

- मनोज कुलकर्णी

No comments:

Post a Comment