Friday 4 June 2021

यह कैसी 'दिल्लगी'!


फ़िल्मकार बासु चैटर्जी!

पिछले साल गीतकार योगेश जी (२९ मई को) और फ़िल्मकार बासु चैटर्जी (४ जून को) दुनिया से चल बसें!

गीतकार योगेश जी!
ख़ासकर आम लोगों का बंबई का रोज़ाना जीवन और भावुक लम्हों को अपनी कलाकृतियों में उन्होंने व्यक्त किया।

भागदौड़ के ग़र्म महानगर में बरसात का लुत्फ़ उठाने का आम लम्हा इन दोनों ने अपनी फ़िल्म 'मंज़िल (१९७९) में ख़ूब दर्शाया!

'मंज़िल (१९७९) फ़िल्म के उस गाने में अमिताभ बच्चन और मौशमी चैटर्जी!

 
 
 
 
 
"रिमझिम गिरे सावन..
सुलग-सुलग जाए मन.. "

यह मेरा वो पसंदीदा गाना आँखें भीगा रहा हैं!

- मनोज कुलकर्णी

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