शकील बदायुनी जी ने लिखा यह नग़्मा..अपने ट्रैजडी किंग दिलीप कुमार जी ने फ़िल्म.. 'दिल दिया दर्द लिया' (१९६६) में साकार किया था। उन्होंने खुद यह ए. आर. कारदार के साथ निर्देशित की थी!
संगीत के बड़े अच्छे जानकार युसूफ साहब ने यह नग़्मा - नौशाद जी को खास 'राग कलावती' में संगीतबद्ध करने को कहा था!..फिर उसी में, मोहम्मद रफ़ी जी की दर्द भरी आवाज़ में वह आया और दिल को स्पर्श कर गया।
आज के 'विश्व महासागर दिन' पर मुझे यह याद आया!
और अब हालात भी कुछ ऐसे हैं!
- मनोज कुलकर्णी
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