Wednesday 9 June 2021

बड़े मियाँ और छोटे मियाँ!!



१९५५ की यह दुर्लभ तस्वीर देखने में आयी जिसमें..लख़नऊ के अपने घर में वालिद..मरहूम शायर जां- निसार अख़्तर के साथ छोटे (अब जानेमाने लेख़क) जावेद और उनके भाई सलमान बैठें हैं!

यह देखकर जज़्बात में मैंने लिखा..
"वो बाबुल का आँगन
वो प्यार की छाँव..
तरसे आप, तरसे हम.."

- मनोज कुलकर्णी
('मानस रूमानी')

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