ख़ूबसूरत डिंपल कपाडिया की एक अधूरी फ़िल्म..
१६ वी सदीं की कश्मीरी शायरा हब्बा ख़ातून के किरदार में थी वो उसमें!
ऐसा होता तो, ख़य्याम जी के संगीत में हब्बा साहिबा के नग़्मे सुनना और उस पर मोहक डिंपल की अदाकारी देखना लाजवाब होता।
आज डिंपल जी की सालगिरह पर यह याद आया।
उन्हें मुबारक़बाद!
- मनोज कुलकर्णी
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