मेरे इस ब्लॉग पर हमारे भारतीय तथा पूरे विश्व सिनेमा की गतिविधियों पर मैं हिंदी में लिख रहा हूँ! इसमें फ़िल्मी हस्तियों पर मेरे लेख तथा नई फिल्मों की समीक्षाएं भी शामिल है! - मनोज कुलकर्णी (पुणे).
Monday 14 June 2021
जब मेहरबाँ हुआ था
हुस्न-ए-जन्नत-ज़ार
तब यह मुमताज़ जहाँ
तशरीफ़ लायी ज़मीं पर
- मनोज 'मानस रूमानी'
'मलिका-ए-हुस्न' मुमताज़ जहाँ याने मधुबाला की यह अभिजात प्रतिमा हैं..
६१ साल पुरे किए 'मुग़ल-ए-आज़म' (१९६०) इस के. आसिफ की क्लासिक फ़िल्म से!
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