Monday 14 June 2021

ज़िंदा रहने के ही कारन हो सकतें हैं!


'कलयुग' (१९८१) फ़िल्म में शशी कपूर!

'कलयुग' (१९८१) फ़िल्म में ए. के. हंगल!
इस वक़्त मुझे शशी कपूर निर्मित-अभिनीत फ़िल्म 'कलयुग' (१९८१) का सीन याद आया!

निर्देशक श्याम बेनेगल ने इसे गिरीश कर्नाड के साथ लिखा था और सत्यदेव दुबे ने इसके संवाद लिखें थे!

इसमें परेशान करन (शशीजी) को भीष्म चंद (ए. के. हंगल) कहेते हैं..
"आत्महत्या करने के कारन हो सकतें हैं, तो ज़िंदा रहने के भी कारन हो सकतें हैं!"

उपर से सरल लगनेवाले इस वक्तव्य की अनुभूति गहरी सोच से मिलती हैं!

- मनोज कुलकर्णी

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