मेरे इस ब्लॉग पर हमारे भारतीय तथा पूरे विश्व सिनेमा की गतिविधियों पर मैं हिंदी में लिख रहा हूँ! इसमें फ़िल्मी हस्तियों पर मेरे लेख तथा नई फिल्मों की समीक्षाएं भी शामिल है! - मनोज कुलकर्णी (पुणे).
Tuesday 31 August 2021
Friday 27 August 2021
एक्सक्लुजिव्ह:
"लागी नाहीं छूटे.."
'मुसाफ़िर' (१९५७) फ़िल्म के संजीदा किरदार में दिलीपकुमार और उषा किरण! |
'मुसाफ़िर' (१९५७) फ़िल्म का गीत "लागी नाहीं छूटे.." लता मंगेशकर जी के साथ गाते दिलीपकुमार जी! |
Monday 23 August 2021
इम्बेरसिंग मोमेंट्स!
Sunday 22 August 2021
रक्षा बंधन और परदे के यथार्थ भाई-बहन!
भारतीय हिंदी फ़िल्म 'बूट पोलिश' (१९५४) में रतन कुमार और बेबी नाज़! |
भाई बहन के प्यार को उजागर करनेवाले 'रक्षा बंधन' त्यौहार पर वैसे तो काफी फ़िल्मी प्रसंग एवं गानें याद आते हैं, जिनपर मैंने पहले लिखा भी! आज दो ऐसी फिल्मों का ज़िक्र कर रहा हूँ..जिनमें प्रतिकूल सामाजिक एवं पारिवारिक परिस्थिति में भाई-बहन का बर्ताव बड़ा समझदार रहां हैं।..और इन दोनों पर इतालवी नव- यथार्थवाद का प्रभाव था।
'बूट पोलिश' (१९५४) के "नन्हें मुन्नें बच्चें.." गाने में बेबी नाज़, रतन कुमार और डेविड! |
इरानियन फ़िल्म 'चिल्ड्रेन ऑफ हेवन' (१९९७) में आमिर फ़र्रुख हशेमियन और बहारे सिद्दीक़ी! |
Thursday 19 August 2021
एल्विस प्रेस्ली और शम्मी कपूर!
एल्विस प्रेस्ली और शम्मी कपूर...लुक सिमिलॅरिटी! |
हॉलीवुड के 'किंग ऑफ़ रॉक एंड रोल' डांसिंग स्टार एल्विस प्रेस्ली (१६ अगस्त) और अपने भारतीय.. रूमानी सिनेमा के 'रिबेल स्टार' शम्मी कपूर (१४ अगस्त) इनका स्मृतिदिन आगेपीछे आना यह महज़ एक इत्तिफ़ाक़ नहीं!
एल्विस प्रेस्ली और शम्मी कपूर..डांसिंग स्टाइल सिमिलॅरिटी! |
ख़ैर, शम्मी कपूर जी से एक दफ़ा मेरी अच्छी बातचीत हुई थी। उसमें मैंने उन्हें पूछा.. "शम्मी साहब, एल्विस प्रेस्ली से आपकी स्टाइल इंस्पायर थी क्या?" तब उन्होंने कहाँ, "आय एडमायर्ड हिम ए लॉट, सो दैट वाज नैचरल!" इसीमें मैंने कहाँ "लेकिन नासिर हुसैन की फ़िल्मों से आप को वो हिट रोमैंटिक रिबेल स्टार की इमेज मिली!" उसपर हामी भरते वे बोले, "बिलकुल, नासिर जी का कंट्रीब्यूशन इसमें है!..एंड यु पीपल कॉल्ड मी 'रिबेल स्टार!"
तो इन दोनों को सलाम!!
- मनोज कुलकर्णी
Monday 16 August 2021
Sunday 15 August 2021
जय हिंद!
Friday 13 August 2021
Thursday 12 August 2021
आज़ादी और हमारा स्वातंत्र्य!!
Wednesday 11 August 2021
माया, पाक टीवी सीरियल्स और 'ज़िन्दगी' चैनल!
पाकिस्तानी टीवी सीरियल 'काश मैं तेरी बेटी ना होती' में.. सह कलाकारों के साथ जबरदस्त अदाकारा फ़ातिमा एफेन्दी! |
पाक टीवी सीरियल 'लाडों में पली' में ख़ूबसूरत अदाकाराएं माया अली और सेजल अली अपने को-एक्टर्स..अली अब्बास और अफ्फान वाहिद के साथ! |
पाक टीवी प्रोग्राम 'तेरी मेरी प्रेम कहानी' में मियां-बीवी..दानिश तैमूर और ख़ूबसूरत आयेजा ख़ान! |
Monday 9 August 2021
एक्सक्लुजिव्ह!
युद्ध की पृष्ठभूमि पर देवसाहब के दो पहलू!
'हम दोनों' (१९६१) में नंदा और साधना के साथ दोहरी भूमिकाओं में देव आनंद! |
हिरोशिमा-नागासाकी त्रासदी को ७५ साल होने के इन दिनों में युद्ध की पृष्ठभूमि पर कुछ फ़िल्में मुझे याद आयीं। इसमें दूसरे विश्व युद्ध के माहौल में कुछ जिंगोइस्टिक थी; तो कुछ चंद अलग पहलुओं को उजागर करती!
फ़िल्म 'हम दोनों' (१९६१) में देव आनंद! |
इस विषय को लेकर दिग्गज फ़िल्मकार चेतन आनंद जी ने - ('हक़ीक़त'/१९६४ जैसी) अच्छी चित्रकृतियां बनायीं। लेकिन उनके दूसरे भाई सदाबहार अभिनेता-फ़िल्मकार देव आनंद जी की इस संदर्भ में बनी दो फ़िल्मों की तरफ़ रुख करे तो, इसमें उनकी - मुख़्तलिफ़ भूमिकाएं नज़र आती हैं। ये उनकी 'नवकेतन फ़िल्म्स' की निर्मिति थी!
फ़िल्म 'प्रेम पुजारी' (१९७०) में देव आनंद और वहीदा रहमान! |
पहली है १९६१ में बनी फ़िल्म 'हम दोनों' जो देव आनंद निर्मित थी और अमरजीत नाम निर्देशक के तौर पर आया था। हालांकि देव साहब का कहना था की उनके छोटे भाई - गोल्डी याने की विजय आनंद ने यह फ़िल्म लिखी और निर्देशित भी की! इस में उन्होंने दोहरी भूमिकाएं बख़ूबी निभाई थी। दूसरे - विश्व युद्ध के दौर में ही, कैंप पर एक मेजर और दूसरा नया आर्मी सिपाही ऐसे ये दो - हमशक्ल मिलतें हैं और फिर कहानी अलग मोड़ लेती है। ये दोनों युद्ध के प्रति समर्पित होतें हैं! फ्रंट पर घायल मेजर लापता होने पर दूसरा उसके परिवार को (एक तरफ़ अपनी महबूबा के साथ) भावनिक स्तर पर संभाल लेता हैं। इसमें अभिनेत्रियां नंदा और साधना उनके साथ थी।
फ़िल्म 'प्रेम पुजारी' (१९७०) में देव आनंद! |
दूसरी है १९७० में बनी फ़िल्म 'प्रेम पुजारी' जो देव आनंद ने खुद लिखकर निर्देशित भी की थी। इसमें इंडो-चायना सीमा पर युद्ध के दौरान भेजे गए लेफ्टिनेंट की भूमिका उन्होंने की थी। दरअसल यह शांतताप्रिय और प्रकृति - वन्यजीवन में रूचि रखनेवाला होता है, लेकिन आर्मी में रहें पिता की इच्छा के ख़ातिर उसे फ्रंट पर जाना पड़ता है। नतीजन वो लड़ने से नापसंदी दर्शाता है; लेकिन.. आख़िर में देश के लिए जान की बाजी लगाता हैं! वैसे यह शख़्स "फूलों के रंग से दिल की कलम से तुझ को लिखी." ऐसे अपनी महबूबा (वहीदा रहमान) के प्यार में खोने - वाला रोमैंटिक दर्शाया है! जिसके लिए नीरज जी ने ऐसे रूमानी गीत लिखें थे।
ख़ैर, इस 'प्रेम पुजारी' का 'जंग नहीं प्यार' यह संदेसा नज़रअंदाज़ किया गया। वैसे 'हम दोनों' में भी उन्होंने महात्मा गाँधी जी के “ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम” भजन से प्रेरित साहिर का गीत पिरोया था..जिस में "निर्बल को बल देनेवाले, बलवानों को दे दे ज्ञान.." ऐसा विश्वशांति का आशय था!
बहरहाल, हम भी शांति और प्यार का विश्व चाहतें है!!
- मनोज कुलकर्णी
Saturday 7 August 2021
पयंबर की उम्मत ज़ुलेख़ा की बेटी
श्रेष्ठ टैगोर जी की कविकल्पना!
Friday 6 August 2021
Wednesday 4 August 2021
एक्सक्लुजिव्ह!
रफ़ी जी की आवाज़ में परदेपर किशोर कुमार!
हमारे अज़ीज़ श्रेष्ठ गायक मोहम्मद रफ़ी जी और गायक-अभिनेता किशोर कुमार जी! |
गायक-अभिनेता किशोर कुमार जी का आज ९२ वा जनमदिन!
'शरारत' (१९५९) फ़िल्म के मोहम्मद रफ़ी जी ने गाए.. "अजब हैं दास्ताँ तेरी ये ज़िंदगी.." गाने में किशोर कुमार! |
पहला है 'रागिनी' (१९५८) फ़िल्म का "मन मोरा - बावरा.." यह क्लासिकल गीत जो किशोर कुमार ने परदे पर सितार लिए सादर किया था! जां निसार अख़्तर जी ने लिखा यह गीत ओ. पी. नय्यर जी के संगीत में रफ़ी साहब ने खास गाया था।
'रागिनी' (१९५८) फ़िल्म के मोहम्मद रफ़ी जी ने गाए। "मन मोरा बावरा.." गीत में किशोर कुमार! |
दूसरा है 'शरारत' (१९५९) फ़िल्म का "अजब हैं दास्ताँ - तेरी ये ज़िंदगी.." यह दर्दभरा गीत जो किशोर कुमार ने परदेपर ट्रैजेडी क्वीन मीना कुमारी के सामने दुखभरे भाव से साकार किया था! हसरत जयपुरी ने लिखा यह गीत शंकर-जयकिशन के संगीत में रफ़ी साहब ने ही गाया था।
मीठी रूमानी आवाज़ के साथ क्लासिकल और दर्दभरे गीत गाने में भी रफ़ी साहब माहिर थे। इसीलिए किशोर कुमार जी ने भी उनकी आवाज़ में परदे पर अभिनय - किया!
खैर, दोनों को आदरांजलि!!
- मनोज कुलकर्णी