"जश्न-ए-बहारा..महफ़िल-ए-यारा.."
क्योंकि इसमें से हर-दिल-अज़ीज़ इर्र्फान ख़ान अब नहीं हैं..महफ़िल छोड़ कर जल्द रुख़सत हुए।
इसमें से मेघना गुलज़ार की 'तलवार' (२०१५) इस सत्य घटना पर की कंटेम्पररी फ़िल्म में इर्र्फान ने बेहतरिन रोल निभाया।
और तब्बु के साथ तो इर्र्फान का बड़ा संवेदनशील रिश्ता रहा!
इसी वक़्त मुझे विशाल से फ़िल्म फेस्टिवल्स में मुलाकातें भी याद आ गयी!
न जाने आज यह सब अनोखा लग रहा हैं!!
- मनोज कुलकर्णी
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