Monday 9 August 2021

मेरी शायरी सोशल नेटवर्क (इंस्टा जैसे) पर किसी की तारीफ़ के लिए इस्तेमाल की देखकर ताज्जुब हुआ! लेकिन साथ में मेरे नाम का ज़िक्र न किया देख कर खेद हुआ।

- मनोज 'मानस रूमानी'
(मनोज कुलकर्णी)

No comments:

Post a Comment