"सीने में सुलगते हैं अरमां..."
प्रेम धवन जी का लिखा और तलत महमूद जी तथा लता मगेशकर जी ने गाया यह दर्दभरा 'तराना' आज फिर से मन में गूंजा..
इसके प्रतिभासंपन्न संगीतकार अनिल बिस्वास जी को २० वे स्मृतिदिन पर याद करते हुए!
उन्हें सुमनांजलि!!
- मनोज कुलकर्णी