Monday 16 August 2021

गायिका जगजीत कौर जी!
"तुम अपना रंज-ओ-ग़म..
अपनी परेशानी मुझे दे दो.."

साहिर ने लिखी यह नज़्म 'शगुन' (१९६४) फ़िल्म के लिए अपने शौहर ख़य्याम जी की मौसीक़ी में गायी थी जगजीत कौर जी ने.. अब वे भी इस जहाँ से रुख़सत हुई!

मुझे याद है २००६ के दौरान अपने भारतीय बोलपट के ७५ साल पुरे होने पर बंबई में हुए समारोह में ख़य्यामजी और जगजीत कौरजी से मेरी मुलाकात हुई थी। मैंने मेरे 'चित्रसृष्टी' का संगीत विशेषांक उन्हें भेट दिया था। तब दोनों ने बड़े प्यार से मुझसे अपने संगीत के बारे में बात की थी!

ख़य्याम साहब और उनकी पत्नी-गायिका जगजीत कौर जी!
उसके कुछ साल बाद पुणे में हुए फ़िल्म फेस्टिवल (पिफ्फ़) में सम्मानित ख़य्याम जी से मेरी अच्छी बात हुई थी। मैंने 'जगजीत कौर जी ने गाया.. "तुम अपना रंज-ओ-ग़म" यह नग़्मा मेरा पसंदीदा है' ऐसा कहनेपर वे भावुक हो गए थे।

दो साल पहले ख़य्याम साहब ने इस जहाँ को अलविदा कहाँ! अब "..निगहबानी मुझे दे दो.." कहकर साये की तरह उनके साथ रहनेवाली उनकी पत्नी-गायिका जगजीत कौर जी भी कल रुख़सत हुई!

उन्हें मेरी सुमनांजलि!!

- मनोज कुलकर्णी

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