Thursday 29 July 2021


थी उन्हें गाने की ख़्वाहिश भी
लेकिन बने सिर्फ़ गीतकार ही
लम्हा ऐसा भी आया कभी..
इनकी कलम फ़नकार ने ली
लेकिन ये न दिखा सके गायकी
क्योंकि सामने थी आवाज़-ए-रफ़ी

- मनोज 'मानस रूमानी'

 
मशहूर गीतकार आनंद बख्शी जी की तमन्ना थी कि वे गायक भी बने!
उन्हें जब हमारे मीठी आवाज़ के बादशाह.. मोहम्मद रफ़ी जी से गीत के बारे में चर्चा करते इसमें ऐसा देखा, तो मैंने ऊपर के मेरे अशआऱ लिखे!

- मनोज कुलकर्णी

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