बिमल रॉय की फ़िल्म 'देवदास' (१९५५) में सुचित्रा सेन के साथ दिलीप कुमार! |
प्रेमिका का प्यार खोए हुए अंतर्मुख
तो कभी उसे पाने के लिए बग़ावत
महबूब के ऐसे मुख़्तलिफ़ किरदार
बख़ूबी निभातें वे हो गए अज़ीज़!
के. आसिफ की फ़िल्म 'मुग़ल-ए-आज़म' (१९६०) में मलिका-ए-हुस्न मधुबाला के साथ शहंशाह-ए-अदाकारी दिलीपकुमार! |
किरदारों में डालतें अपनी जान
अदाकारी के वे हो गए आदर्श
साथ ही थे वे बेहतरीन इंसान
भारतीय सिनेमा के कोहिनूर!
- मनोज 'मानस रूमानी'
अपने पुरे हिन्दोस्ताँ के अदाकारी के शहंशाह यूसुफ़ ख़ान याने दिलीपकुमार साहब को तहे दिल से सलाम!
- मनोज कुलकर्णी
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