एक्सक्लूज़िव!
"बात कुछ बन ही गयी.."
फ़िल्मकार और उसकी चहेती अभिनेत्री के बीच का प्यार था यह।..बस कुछ ज़्यादा ख़ास!
ऐसा कई क्रिएटिव्ह फ़ील्ड्स में होता रहता हैं। इसमें किसी की गलती नहीं होती।
प्यार क़िससे कब हो जाए कह नहीं सकतें। इस में भी प्यार क़िस से करते हैं (वो जायज़ हैं या नहीं) और करे या न करे..यह सोचना किसी के बस में नहीं होता!
प्यार के जज़्बे पर किसीका इख़्तियार नहीं रहता। और..
दिल इस में सुनता कहाँ हैं?
तो किसको दोष दें?..नासमझ इश्क़ को!
- मनोज कुलकर्णी
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