Thursday 22 July 2021


वे शहंशाह-ए-अदाकारी कहाँ..^
ये "ओये" जलवा कहाँ..?>
पहले महान कलाकार-इंसान..^
तो दूसरे उसमें कहाँ..?>

- मनोज 'मानस रूमानी'

(फ़िल्म पत्रकारिता के दौरान इन दोनों से- मेरी मुलाकातें हुई। हमारे अज़ीज़ ^ यूसुफ़- ख़ान दिलीपकुमार जी से मेरा अनुभव अच्छा रहा है। मैंने मेरे 'चित्रसृष्टी' विशेषांक के लिए जब उनका इंटरव्यू लिया था, तब बड़े प्यार से उन्होंने बात की थी। महान कलाकार और इंसान की वे मिसाल थे! लेकिन यहाँ दूसरे > छायाचित्र में जो कलाकार (जिनका मै नाम नहीं लेना चाहता) है..उनके साथ मेरा - अनुभव खेदजनक रहा! अब ये हमेशा ही कभी राजेश खन्ना जी तो कभी दिलीपकुमार जी पर कुछ भी टिपणियाँ करतें रहतें हैं, वह सुनकर बड़ा दुख होता है!)

- मनोज कुलकर्णी

No comments:

Post a Comment