Saturday 8 May 2021

नैन दीवानें.!

फ़िल्मी समारोह में देव आनंद और सुरैया..प्यार छुपाए नहीं छुपता!

१९५० के दशक की एक दास्तान-ए-मोहब्बत अपने भारतीय सिनेमा के रूपहले परदे की ख़ूबसूरत जोड़ी की हो गई..वह थी देव आनंद और सुरैया की!..जो राज कपूर-नर्गिस की तरह ही संवेदनशील थी। कई साल पहले इन दोनों जोड़ियों पर मेरे आर्टिकल्स अख़बार मे 'हिट पेअर्स' इस मेरी सीरिज अंतर्गत छपें थे।

'अफ़सर' (१९५०) फ़िल्म में सुरैया- देव आनंद!
ख़ैर, 'विद्या' (१९४८), 'शायर', 'जीत' (१९४९), 'अफ़सर' (१९५०) और 'सनम' (१९५१) ऐसी पाँच फ़िल्में देव आनंद-सुरैया जोड़ी ने साथ की। कैमरा के सामने इश्क़ फ़रमाते.. असल ज़िंदगी में भी वो एक दूसरे को दिल दे बैठें थें। लेकिन कहा गया की सुरैया की नानी को यह गवारा न था! नतीजतन वह एक असफ़ल प्रेम कहानी हो गई और बाद में वो साथ काम भी नहीं कर सके।

फिर भी फ़िल्मी समारोह में वो दोनों मिलतें थे! ऐसी ही उनकी दुर्लभ तस्वीर जब देखी, तब मझे उनकी दास्ताँ याद आयी। इसमें देव आनंद की नजरों से प्यार छुपाए नहीं छुपता!

नासमझ आँखें बयां कर देती है जो नहीं करना! (कहतें हैं इसी वजह से राज कपूर ने नर्गिस की आख़री सफ़र में अपनी आँखों पर काला गॉगल लगाया था!)

बहरहाल, इस पर देव आनंद-सुरैया की फ़िल्म 'अफ़सर' का ही गाना है..
"नैन दीवाने इक नहीं माने
करे मन मानी माने ना.."

- मनोज कुलकर्णी

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