Friday 7 May 2021


"संधीकाली या अशा.."
हो, या "शुक्र तारा.."

ऐसी रूमानी गज़लें अपनी मख़मली आवाज़ में गानेवाले मराठी के तलत..अरुण दाते जी को यह जहाँ छोड़ कर ३ साल हुएं। 

उन्हें सुमनांजलि!

- मनोज कुलकर्णी

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