परदे पर गोवा!
'एक दूजे के लिए' (१९८१) के बेहतरिन लव स्पॉट दृश्य में रति अग्निहोत्री और कमल हसन! |
आज 'गोवा स्थापना दिन' के अवसर पर मुझे इस ख़ूबसूरत प्रदेश से जुड़ी कुछ (ऐतिहासिक घटना को लेकर भी) फ़िल्में याद आयी!
मराठी 'महानंदा' (१९८५) के "माझे राणी माझे मोगा" गाने में विक्रम गोखले और फ़ैयाज़! |
गोवा मुक्ति संग्राम पर विख्यात लेख़क-निर्देशक ख़्वाजा अहमद अब्बास ने 'सात हिंदुस्तानी' यह फ़िल्म १९६९ में बनायी। और इसी फ़िल्म से अपने भारतीय सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन ने परदे पर अपना डेब्यू किया। इसमें उनका अनवर अली का क़िरदार ज़बरदस्त रहा!
तो पुर्तगाली गुलामी से गोवा स्वतंत्र (१९६१) होकर अब ६० साल होने आएं हैं! और अमिताभ बच्चन के फ़िल्मी कैरियर के पचास साल पुरे हुएं हैं।
गोवा की एंग्लो-इंडियन कल्चर के चलते वैसी ख़ास फ़िल्मे भी बनी। इस में हिट थी 'आरके' की 'बॉबी' (१९७३) जिसमें डिंपल कपाड़िया को उस अंदाज़ में पेश किया गया। इसका गोवन फोल्क पर "घे घे घे घे रे सायबा प्यार में सौदा नहीं.." गाना ऋषि कपूर, प्रेमनाथ और उसपर लाजवाब फ़िल्माया गया था!
रोमैंटिक 'बॉबी' (१९७३) के "घे घे घे रे सायबा." गाने में ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया! |
इसके बाद गोवा की पृष्ठभूमी पर 'एक दूजे के लिए' (१९८१) यह पैशनेट लव फ़िल्म बनी। इसके क्लाइमैक्स में जिस पर खड़े होकर कमल हसन और रति अग्निहोत्री एकजान होतें है..वह समंदर के पास खड़ा बड़ा पहाड़ उसके नाम से 'लव स्पॉट' हुआ!
'मजबूर' (१९७४) फ़िल्म के "फिर ना कहना माइकल.." गाने में प्राण और मीना टी! |
ख़ैर, गोवा का माहौल वैसे है नशीला!..अब 'दिल चाहता है' वहां किसी बीच पर हाथ में ड्रिंक लिए रंगीन शाम का लुत्फ़ उठाया जाए!!
- मनोज कुलकर्णी
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