Sunday 1 July 2018

फ़िल्म लेखक-निर्देशक अब्रार अल्वीजी!

मशहूर फ़िल्म लेखक अब्रार अल्वी!


- मनोज कुलकर्णी


महान फ़िल्मकार गुरुदत्तजी और फ़िल्म लेखक अब्रार अल्वीजी!







मशहूर फ़िल्म लेखक तथा निर्देशक अब्रार अल्वी जी का आज ९१ वा जनमदिन! उन्होंने महान फ़िल्मकार गुरुदत्तजी की काफी फ़िल्में लिखीं!..उनमें से दो फिल्मों के कुछ ख़ास संवाद यहाँ याद किए हैं..
'मिस्टर एंड मिसेस ५५' में गुरुदत्त, मधुबाला और ललिता पवार!


'गुरुदत्त फिल्म्स' की 'मिस्टर एंड मिसेस ५५' का संवाद कुछ इस तरह..

मधुबाला की गार्डियन ललिता पवार गुरुदत्त को पूछती है "आर यू कम्युनिस्ट?"
उस पर गुरुदत्त कहेता है "नो, आय एम् कार्टूनिस्ट!"

उसी फिल्म का दूसरा प्रसंग और संवाद कुछ इस तरह..
गरीबों को रोटी मिलना कितना मुश्किल है यह गुरुदत्त खूबसूरत अमीर मधुबाला को समझाता है..उस पर वह कहती है "रोटी नहीं तो ब्रेड खा लेते!"
'साहिब बीबी और ग़ुलाम' में रहेमान, मीना कुमारी, वहिदा रहेमान और गुरुदत्त!

'गुरुदत्त फिल्म्स' की दूसरी फिल्म 'साहिब बीबी और ग़ुलाम' (१९६२) का संवाद कुछ इस तरह..

मीना कुमारी शोहर रहेमान को कहेती है "इन चार दीवारों में मेरा दम घुटता है..मैं क्या करू?"
उस पर रहेमान कहेता है "वही जो भाभी करती है..गहने बनवाओ और गहने तुडवाओ!"

गुरुदत्तजी की फिल्मों के ऐसे कई सूचक प्रसंग और संवाद मुझे याद है..जो लिखे थे अब्रार अल्वीजी ने!


अब्रार साहब को मेरा सलाम!!

- मनोज कुलकर्णी
 ['चित्रसृष्टी', पुणे]

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