अनोखे संगीतकार सज्जाद हुसैन
- मनोज कुलकर्णी
भारतीय सिनेमा संगीत का एक अनोखा व्यक्तित्व सज्जाद हुसैन साहब का आज स्मृतिदिन!
पिछले साल उनकी जन्मशताब्दी हुई!
'संगदिल' (१९५२) के गाने में शम्मी और दिलीप कुमार. |
उनको ज्यादा शोहरत हासिल हुई १९६३ में आयी फ़िल्म 'रुस्तम सोहराब' से..जिसमें उनके संगीत में इसकी ख़ूबसूरत अदाकारा-गायिका सुरैय्या ने गाये "ये कैसी अज़ब दास्ताँ हो गयी है.." जैसे गाने बहोत लोकप्रिय हुए!
'रुस्तम सोहराब' (१९६३) में ख़ूबसूरत अदाकारा-गायिका सुरैय्या! |
इसमें कहा जाये तो सज्जाद साहब के (दिलीप कुमार अभिनीत) 'संगदिल' (१९५२) के "ये हवा ये रात ये चाँदनी.." से प्रेरित होकर मदनमोहन जैसे जानेमाने संगीतकार ने भी 'आखरी दाँव' (१९५८) का "तुझे क्या सुनाऊ मैं दिलरुबा.." गाना संगीतबद्ध किया था!
ऐसे इस संगीतकार को मेरा सलाम!!
- मनोज कुलकर्णी
['चित्रसृष्टी', पुणे]
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