Wednesday 25 July 2018

'जुली' (१९७५) के "ये रातें नई पुरानी.."गाने में रीटा भादुड़ी।
"ये रातें नई पुरानी
आते जाते कहेती हैं
कोई कहानी..."


'जुली' (१९७५) इस रोमैंटिक फिल्म का यह गाना और उसपर रीटा भादुड़ी का हृदयस्पर्शी अभिनय..हाल ही में उनके निधन की खबर से याद आया!


हालाकि 'जूली' इस सुपर हिट फिल्म की हिरोईन थी लक्ष्मी; लेकिन उसकी सहेली के रूप में रीटा भादुड़ी ने भावुकता के तरल दर्शन दिखाएं थें! संगीतकार राजेश रोषन की यह पहली हिट थी और उपर के लता मंगेशकर ने गाए गाने में चारों (विक्रम-लक्ष्मी, जलाल आगा और रीटा भादुड़ी) पर निर्देशक सेतुमाधवन ने यह बखूबी फिल्माया था!

'विश्वनाथ' (१९७८) में रीटा भादुड़ी और परीक्षित साहनी!
१९७३ में पुणे के फिल्म इंस्टिट्यूट में ज़रीना वहाब की बैचमेट रहीं रीटा भादुड़ी के नसीब में उस जैसी प्रमुख अभिनेत्री की सफलता नहीं आयी..लेकिन सहनायिका में वह अपनी छाप छोड़ती रहीं! १९७९ की विजय शर्मा जी की फिल्म 'गोपाल कृष्ण' में तो श्रीकृष्ण की भूमिका में सचिन, राधा बनी थी ज़रीना वहाब और उन्होने निभाया था यशोदा का किरदार!
टेलिविज़न पर रीटा भादुड़ी जी चरित्र अभिनेत्री की रूप में!

वैसे फिल्म इंस्टिट्यूट से ही आएं सुभाष घई की फिल्म 'विश्वनाथ' (१९७८) और 'राजश्री प्रोडक्शन' की 'सावन को आने दो' (१९७९) ऐसी फिल्मों में वह अभिनय के रंग दिखाती गयी..लेकिन जल्दही उन्हें चरित्र अभिनेत्री की ओर जाना पड़ा!..२०१२ तक उन्होंने कुल ७१ फिल्मों में काम किया।

फिल्मों से ज्यादा उन्होंने टेलीविज़न पर अपना अस्तित्व दिखाया। 'थोड़ा है थोड़े की ज़रुरत है', 'रिश्तें' जैसे धारावाहिकों में वोह आतीं रहीं। पिछले साल 'निम की मुखियाँ' में वोह बूढी दादी के रूप में इस छोटे परदे पर नज़र आयी!

उन्हें मेरी आदरांजली!!

- मनोज कुलकर्णी
['चित्रसृष्टी', पुणे]

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