Wednesday 18 July 2018

आनंद (राजेश खन्ना) मरते नहीं!


- मनोज कुलकर्णी

अपनी अमर भूमिका 'आनंद' (१९७१) के "ज़िन्दगी कैसी हैं पहेली.." गाने में  राजेश खन्ना!

"बाबूमोशाय..."

आज सुबह होते ही मेरे कान में गुंजा..और काका की याद आयी!
'अंदाज़' के "ज़िन्दगी एक सफर.." गाने में राजेश खन्ना और हेमा मालिनी.

भारतीय सिनेमा का पहला सूपरस्टार.. जतीन खन्ना उर्फ़ राजेश खन्नासाहब का आज ६ वा स्मृतिदिन!

"ज़िन्दगी एक सफर है सुहाना.." ऐसा वाकई में हसीनाओं के दिल में बसे इस रूमानी कलाकार का 'अंदाज़' था!

स्टारडम पर पूरी हुक़ूमत पाते हुए उसने 'बॉबी' (डिंपल) को जवां दिलों से चुराया!
शादी के वक्त डिंपल कपाडिया और राजेश खन्ना!
लेकिन साथ में दूरियाँ आती गयी.. "ज़िन्दगी के सफर में गुज़र जाते है जो मक़ाम.." इसका अहसास उसे दुखी करता गया!..और वह "करवटे बदलते रहें सारी रात हम 'आप की कसम'.." ऐसा उसे याद करता रहा!

बाद में अपना "नदिया चले चले रे धारा तुझको चलना होगा.." सुनकर वह काम में मसरूफ़ रहने लगा!
'सफ़र' (१९७०) के "नदिया चले चले." गाने में शर्मिला टैगोर और राजेश खन्ना.



ऐसे 'आनंद' रहने की कोशिश में "ज़िन्दगी कैसी है पहेली हाये.." इस सोच ने उसे घेर लिया!
'आप की कसम' (१९७४) के "ज़िन्दगी के सफर में.. " गाने में राजेश खन्ना!

फिर सेहत भी साथ छोड़ने लगी..तब इस 'सफर' का आखरी पड़ाव उसे दिखने लगा..लेकिन इस ज़िंदादिल शक़्स ने उसे ऐसा अपनाया..


"ज़िन्दगी को बहोत प्यार हमने किया
मौत से भी मोहब्बत निभाएंगे हम..!"

काका, आपको हम कभी नहीं भूलेंगे!!

मेरी यह सुमनांजली!!

- मनोज कुलकर्णी
['चित्रसृष्टी', पुणे]

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