Monday 2 July 2018

"ठंडी हवा, काली घटा..
आ ही गयी झूम के..
प्यार लिये डोले हँसी..

नाचे जिया घूम के..."

ऐसे मौसम में यह रूमानी गाना और उसपर हसीन मधुबाला की खिल उठी छवि याद आती हैं..और दिल उस अंदाज़ में आशिक़ाना हो जाता हैं!

मजरूह सुल्तानपुरी जी ने लिखें इस गीत को ओ.पी. नय्यर जी के संगीत में गीता दत्त जी ने गुरुदत्त जी की फिल्म 'मिस्टर एंड मिसेस ५५' के लिए बखूबी गाया था!

- मनोज कुलकर्णी
 ['चित्रसृष्टी, पुणे]

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