Tuesday, 31 July 2018


"तुम मुझे यूँ भुला ना पाओंगे..
जब कभी भी सुनोंगे गीत मेरे..
संग संग तुम भी गुनगुनाओंगे.."


ऐसा कहकर यह जहाँ छोड़ गए हमारे अज़ीज़..मीठी आवाज़ और सुरों के शहेनशाह.. मोहम्मद रफ़ी साहब का आज ३८ व स्मृतिदिन!

उनको मेरी अदब से सुमनांजली!!

- मनोज कुलकर्णी
['चित्रसृष्टी', पुणे]

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