Thursday 9 August 2018

भारत और म्यांमार का फ्रेंडशिप ब्रिज शुरू होने की ख़बर देखते ही मुझे यह पुराना गाना याद आया..

'पतंगा' (१९४९) के "मेरे पिया गए रंगून" 
गाने में निगार सुलताना!
"मेरे पिया गए रंगून..किया है वहाँ से टेलीफून..
तुम्हारी याद सताती हैं..जिया में आग लगाती हैं.."
'पतंगा' (१९४९) के "मेरे पिया गए रंगून." गाने में गोप और नृत्य कलाकार!

म्यांमार-इंडिया फ्रेंडशिप का खुला गेट!
१९४९ की एच. एस. रवैल की फ़िल्म 'पतंगा' का यह गाना..लिखा था राजेंद्र कृष्ण ने और शमशाद बेग़म के साथ ख़ुद संगीतकार सी. रामचंद्र ने गाया था! विनोदी कलाकार गोप और फ़िल्म की नायिका निगार सुलताना पर यह फ़िल्माया गया था! (हालांकि इसके नायक थे श्याम!) यह गाना तब बड़ा हिट हुआ और अब भी लोकप्रिय हैं!

म्यांमार पहले ब्रह्मदेश हुआ करता था और उसका सबसे बड़ा शहर यांगून उसकी राजधानी थी..जिसका पहले नाम था रंगून! अब बर्मी नाम हुएं हैं!

 इंडो-म्यांमार फ्रेंडशिप को शुभकामनाएँ!!

 - मनोज कुलकर्णी
['चित्रसृष्टी', पुणे]

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