Thursday 23 August 2018

ख़ूबसूरत हसीन अदाकारा..सायरा बानू!


- मनोज कुलकर्णी


ख़ूबसूरत सायरा बानू तब..और अब!

पॉपुलर रोमैंटिक हिंदी सिनेमा की एक जमाने की मशहूर ख़ूबसूरत अदाकारा और अब सत्तर साल से उपर हो गयी..सायरा बानू जी का आज जनमदिन!
'जंगली' (१९६१) के बर्फ़ीली नज़ारों में ख़ूबसूरत सायरा बानू!

"काश्मीर की कली हूँ मैं..."

'जंगली' (१९६१) में ख़ूबसूरत सायरा बानू और रिबेल स्टार शम्मी कपूर!
इस गाने से वाकई में वैसीही दिखनेवाली सायरा बानू 'जंगली' (१९६१) फ़िल्म से परदे पर आयी थी...इसमें बर्फ़ीली नज़ारों में रिबेल स्टार शम्मी कपूर के साथ उसका रूमानी होना कमाल का था!

'शागिर्द' (१९६७) में जॉय मुख़र्जी और सायरा बानू!
भारतीय सिनेमा की बेहद हसीन अदाकारा नसीम बानू ('पुकार'/१९३९ फेम) जी की यह लड़की सायरा..वही मासूम ख़ूबसूरती लेकर सोलह साल की उमर में परदे पर आयी थी..और फ़िल्म 'जंगली' की बड़ी सफलता के बाद रोमैंटिक हीरोइन के तौर पर दर्शकों के दिलों पर छा गयी। 

फिर जॉय मुख़र्जी के साथ 'आओ प्यार करे' (१९६४) से 'शागिर्द' (१९६७) तक सायरा ने ज्यादा ५ फिल्मों में काम किया..जिसमें 'यह ज़िन्दगी कितनी हसीन है' (१९६६) में उसका डबल रोल था!

'झुक गया आसमाँ' (१९६८) में ख़ूबसूरत सायरा बानू और ज्युबिली स्टार राजेंद्र कुमार!
सायरा बानू की जोड़ी परदे पर ज्युबिली स्टार राजेंद्र कुमार के साथ खूब जमी..दोनों ने 'आयी मिलन बेला' (१९६४), 'अमन' (१९६७) और 'झुक गया आसमाँ' (१९६८) जैसी फिल्मों में उत्कट रूमानियत दर्शायी! "ओ सनम तेरे हो गए हम..." ऐसा राजेंद्र कुमार ने उसके साथ पेश किया था।

सायरा बानू और दिलीप कुमार..शादी में!
लेकिन सायरा जी चाहती थी वह असल अभिनय सम्राट दिलीप कुमार उन्हें मिल गए और वह जीवन साथी भी हुए।...उन्होंने 'गोपी' (१९७०), 'बैराग' (१९७६) जैसी फिल्मों में साथ काम किया..जिसमें 'सगीना' (१९७०) सामाजिक फ़िल्म थी तथा बंगाली और हिंदी दोनों भाषाओं में बनी थी। इसमें उनके अभिनय सराहनीय रहें!

शादी के बाद भी सायरा बानू ने अलग किस्म की फ़िल्मों में भी काम किया..जिसमें मेहमूद की कौमेडी 'पड़ोसन' (१९६८), बी. आर./ यश चोपड़ा की सामाजिक 'आदमी और इन्सान' (१९६९), मनोज कुमार की देशाभिमानी 'पूरब और पश्चिम' (१९७०) और थ्रिलर 'व्हिक्टोरिया न. २०३' (१९७२) जैसी फिल्में शामिल हैं...जिनमें उनके अंदाज़ अलग अलग थे। सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के साथ 'ज़मीर' (१९७४) तक..कई नायकों के साथ उसने काम किया। आखीर अपने शोहर दिलीप कुमार के साथ उसने 'दुनिया' (१९८४) में नायिका की हैसियत से काम किया और फिर जल्दही परदे से रुखसत हो गयी!
सायरा बानू अपनी माँ नसीम बानू के साथ!

सायरा बानू जी को काफ़ी अवार्ड्स भी मिले और राज्य सरकार का सम्मान भी प्राप्त हुआ!

युसुफ़साहब (दिलीप कुमार) के साथ सायरा बानू जी को मिलने का अवसर मुझे मिला!!

उस ज़माने की इस पसंदीदा हसीन अदाकारा को सालगिरह मुबारक़!!!

- मनोज कुलकर्णी
['चित्रसृष्टी', पुणे]

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