उर्दू-हिंदी के जानेमाने शायर साहिर लुधियानवी और ख्यातनाम पंजाबी लेखिका-कवियित्री अमृता प्रीतम की यह तस्वीर देखने में आयी और...
साहिरजीने लिखी हुई नज्म "मेरे महेबूब कहीं और मिला कर मुझसे.." तथा 'दूज का चाँद' (१९६४) का ''मेहफिल से उठ जाने वालो..'' जैसे गीत याद आए!..और अमृता प्रीतमजी ने लिखा 'रसीदी टिकट' भी याद आया.!!
साहिरसाहबका स्मृतिदिन २५ अक्तूबर को था और अमृता प्रीतमजीका स्मृतिदिन आज है!
साहिरजीने लिखी हुई नज्म "मेरे महेबूब कहीं और मिला कर मुझसे.." तथा 'दूज का चाँद' (१९६४) का ''मेहफिल से उठ जाने वालो..'' जैसे गीत याद आए!..और अमृता प्रीतमजी ने लिखा 'रसीदी टिकट' भी याद आया.!!
साहिरसाहबका स्मृतिदिन २५ अक्तूबर को था और अमृता प्रीतमजीका स्मृतिदिन आज है!
उन्हें अभिवादन!!
- मनोज कुलकर्णी
- मनोज कुलकर्णी
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