Sunday 21 October 2018

शम्मीसाहब का जनमदिन और उनका बेहतरिन क़िरदार!


'ब्रह्मचारी' (१९६८) के पोस्टर में बच्चें, शम्मी कपूर और राजश्री!

लोकप्रिय भारतीय सिनेमा का रिबेल स्टार कह जानेवाले शम्मी कपूर जी का आज ८७ वा जनमदिन!..और उनकी सबसे बेहतरीन और पुरस्कार प्राप्त अदाकारी की फ़िल्म 'ब्रह्मचारी' (१९६८) को अब ५० साल पुरे हुएं!

'ब्रह्मचारी' (१९६८) के "आज कल तेरे मेरे प्यार के चर्चे." 
गाने में शम्मी कपूर और मुमताज़!
मशहूर फ़िल्म निर्माता जी. पी. सिप्पी की इस 'ब्रह्मचारी' को निर्देशित किया था भप्पी सोनी ने। अनाथ बड़ा हुआ आदमी अनाथ बच्चों का और बेसहारों का पालनहार बन जाता हैं..ऐसी इसकी कहानी को लिखा था सचिन भौमिक ने! उस शिर्षक भूमिका में शम्मी कपूर ने जैसी जान डाली थी और उसके साथ थी ख़ूबसूरत राजश्री..तथा उनके साथ बच्चों की भूमिकाओं में शामिल थे सचिन और जूनियर मेहमूद!..इनके साथ मुमताज़ भी खास भूमिका में थी! 

यह फ़िल्म सुपरहिट तथा सम्मानित रही और इसमें लाजवाब अभिनय के लिए शम्मी कपूर को उसका एकमात्र 'सर्वोत्कृष्ट अभिनेता' का फ़िल्मफ़ेअर अवार्ड मिला।..इसके कई साल बाद 'विधाता' (१९८२) में की भूमिका के लिए उन्हे 'सर्वोत्कृष्ट सहाय्यक अभिनेता' का अवार्ड मिला और बादमें (१९९५) 'लाइफटाइम अचीवमेंट'! आम तौर पर प्रादेशिक फिल्मों से हिंदी फ़िल्में बनती हैं; लेकिन 'ब्रह्मचारी' के दाक्षिणात्य सिनेमा में रीमेक बने..'एंगा मामा' (तमिल/१९७०) और 'देवुदू मामाय्या' (तेलुगु/१९८१). तो शेखर कपूर निर्देशित और अनिल कपूर अभिनीत हिंदी फ़िल्म 'मि. इंडिया' (१९८७) भी कुछ इससे प्रेरित थी! 

'ब्रह्मचारी' (१९६८) में बच्चों के साथ भावुक हुए शम्मी कपूर!
इस 'ब्रह्मचारी' फ़िल्म के शंकर-जयकिशन ने संगीतबद्ध किएं गाने भी हिट हुएं। शैलेन्द्र और हसरत जयपुरी ने लिखें इन गीतों को शंकर-जयकिशन ने संगीतबद्ध किया था। इसमें मशहूर "आज कल तेरे मेरे प्यार के चर्चे.." यह मोहम्मद रफ़ी के साथ सुमन कल्याणपुर ने गाया था और शम्मी कपूर ने मुमताज़ के साथ बख़ूबी पेश किया था! तो रफ़ीजी ने गाएं "दिल के झरोके में तुझको बिठाकर.." जैसे गानें दिल को छूने वाले थें..उसमें भी जिसके लिए उन्हें  'सर्वोत्कृष्ट गायक' का फ़िल्मफ़ेअर अवार्ड मिला वह "मैं गाऊँ तुम सो जाओं..सुख सपनों में खो जाओं.." बड़ा दर्दभरा रहा..और उसपर शम्मी कपूर के अभिनय ने आँखें नम कर दी! 

शम्मीजी और 'ब्रह्मचारी को यह शब्दांजली!!

- मनोज कुलकर्णी
 ['चित्रसृष्टी', पुणे]

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