मेरे इस ब्लॉग पर हमारे भारतीय तथा पूरे विश्व सिनेमा की गतिविधियों पर मैं हिंदी में लिख रहा हूँ! इसमें फ़िल्मी हस्तियों पर मेरे लेख तथा नई फिल्मों की समीक्षाएं भी शामिल है! - मनोज कुलकर्णी (पुणे).
Wednesday 10 October 2018
'कागज़ के फूल' (१९५९) में गुरुदत्त!
"बिछड़े सभी बारी बारी.."
संवेदनशील श्रेष्ठ अभिनेता एवं निर्देशक गुरुदत्त जी की याद उन्होंने साकार किए फ़िल्मकार के इस यथार्थवादी गीत से आयी!
'प्यासा' (१९५७) में गुरुदत्त!
'प्यासा', कागज़ के फूल' और 'साहब बीबी और गुलाम' यह उनकी त्रयी भारतीय सिनेमा की अभिजात शोकांतिकाएं जानी जाती हैं!
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