Thursday 25 October 2018

यथार्थवादी शायर साहिर लुधियानवी जी!
"हम ग़मज़दा हैं..लाएं कहाँ से खुशी के गीत
देंगे वोही..जो पाएंगे इस ज़िंदगी से हम..!"

ऐसा अंदाज़-ए-बयाँ था यथार्थवादी शायर साहिर लुधियानवी जी का!

उनको ३८ वे स्मृतिदिन पर सुमनांजली!



-{साहिरजी की यह नज़्म 'प्यासा' (१९५७) में सादर करते हुए संवेदनशील अभिनेता-निर्देशक गुरुदत्त जी!}


 - मनोज कुलकर्णी

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