Tuesday 8 March 2022

रूसी कवि अलेक्सान्दर - पूश्किन की पंक्तियों का यह हिंदी अनुवाद..
 
रूमानी कविता लिखने के लिए मशहूर उनका ऐसा पहले लिखा हुआ..
अब विश्व की सद्यस्थिति पर सोचनीय हैं!

- मनोज कुलकर्णी

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