Monday 14 March 2022

ऐ मेरे हमसफ़र..!

यह अजीब इत्तेफाक हैं, कल हमारे रूमानी फ़िल्मकार नासिर हुसैन जी का २० वा स्मृतिदिन था और आज उनके भतीजे, बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता आमिर ख़ान का ५७ जनमदिन हैं!

इस तस्वीर में मैं आमिर ख़ान के साथ १९९७ में मुंबई में हुए 'मामी' 
के फ़िल्म फेस्टिवल के उद्घाटन के दौरान..जिसे अब २५ साल हुए हैं!
नासिर हुसैन जी की फ़िल्म 'यादों की बारात' (१९७३) में आमिर पहली बार एक बालकलाकार के रूप में परदेपर आया था और बाद में उन्ही के बेटे मंसूर ख़ान की फ़िल्म 'क़यामत से क़यामत तक' (१९८८) से वो हीरो बना।

मैंने आमिर की नौजवान होने के बाद करिअर रूबरू देखी हैं! १९८४ में केतन मेहता की फ़िल्म 'होली' की शूटिंग पुणे के फ़िल्म इंस्टिट्यूट (एफटीआयआय) में हुई थी और इसमें आमिर एक अहम भूमिका में काम कर रहा था। तब मै कॉलेज में पढता था और मैंने (टीनएज में ही) सिनेमा पर लिखना शुरू किया था! फ़िल्म - इंस्टिट्यूट में मेरा अक्सर जाना होता था। तो तब मैंने वहां उस फ़िल्म की शूटिंग देखी। साथ में केतन जी और आमिर से बातें भी हुई!

इसके चार साल बाद, मैंने जर्नलिज्म (बीसीजे) कोर्स करते ही आमिर की बतौर हीरो पहली मेनस्ट्रीम बॉलीवुड फ़िल्म देखी 'क़यामत से क़यामत तक' जो हिट रही। फिर इंटरव्यूज भी हुए, उसके गायक उदित नारायण के साथ भी! दरमियान फ़िल्म इंस्टिट्यूट में 'फ़िल्म अप्रेसिअशन कोर्स' करके मै फ्री लांस फ़िल्म जर्नलिस्ट हुआ!

तब से लेकर आमिर ख़ान का एक परफेक्शनिस्ट एक्टर होने तक, यह सफर सराहनीय रहा हैं!

अब उसके फ़िल्म कैरियर के पचास साल पुरे होने की दहलीज़ पर वो हैं!

उसे सालगिरह मुबारक़!!

- मनोज कुलकर्णी

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