Sunday, 24 October 2021

"इंसान का इंसान से हो भाईचारा यही पैग़ाम हमारा.."


आज भी समकालीन मूल्य रखनेवाला यह कवी प्रदीपजी का गीत उसी उदात्त भावना से गाया था मन्ना डे जी ने.. नका आज ८ वा स्मृतिदिन!

सी. रामचंद्र जी के संगीत में गाये उनके इस गाने की अहम बात ऐसी की, यह एकमात्र अपने लाजवाब अदाकार दिलीपकुमार जी पर बैकग्राउंड फ़िल्माया गया! इसके अलावा मन्नादा का कभी पार्श्वगायन नहीं हुआ दिलीपकुमार जी के लिए!

 

'पैग़ाम' (१९५९) इस सोशल फ़िल्म के उस गाने के सीन में दिलीप कुमार और मोतीलाल परदे पर आतें हैं।

खैऱ, मन्नादा और यूसुफ़साहब..दोनों को इससे सुमनांजलि!

- मनोज कुलकर्णी

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