मौलाना मोहानी और डॉ. आंबेडकर एकसाथ!
उर्दू साहित्य के विद्वान तथा स्वतंत्रता सेनानी मौलाना हसरत मोहानी और अपने 'भारतीय संविधान के जनक' डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी की यह दुर्लभ तस्वीर!
"इन्कलाब ज़िदांबाद" का नारा अपनी कलम के ज़रिये जिन्होंने पहले दिया वे थे..मौलाना सय्यद फ़ज़ल-उल-हसन तथा हसरत मोहानी!..उनका आज जनमदिन!
'निकाह' (१९८२) फ़िल्म की ग़ुलाम अली जी ने गायी मशहूर ग़ज़ल "चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है.." हसरत मोहानी जी की कलम से ही आयी थी। ख़ैर, उनपर मैंने यहाँ पहले लेख लिखा है।
आज 'धम्मचक्र प्रवर्तन दिन' भी हैं!
दोनों को विनम्र अभिवादन!!
- मनोज कुलकर्णी
No comments:
Post a Comment