'कागज़ के फूल' (१९५९) फ़िल्म में गुरुदत्त जी! |
'प्यासा' (१९५७) फ़िल्म में गुरुदत्त जी! |
उसी साल हम इस जहाँ में आएं थे
संजीदगी, बेरुखी हम में छोड़ गए..
इसलिए हम दुनिया से ख़फ़ा रहते!
- मनोज 'मानस रूमानी'
(हमारे अज़ीज़ श्रेष्ठ अभिनेता एवं निर्देशक गुरुदत्त जी को उनके ५७ वे स्मृतिदिन पर मेरी यह शब्द-सुमनांजलि!)
- मनोज कुलकर्णी
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