Thursday 14 October 2021


आज तरक्कीपसंद शायर निदा - फ़ाज़ली साहब (जिनका परसो - जनमदिन था) होते तो यह भी कह सकते थे...

 
"घर से मंदिर है बहुत दूर चलो यूँ कर लें
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए.!

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