Tuesday 13 April 2021

'पाथेर पांचाली' और 'बाइसिकल थीव्ज़' के बारे में दो सवाल!!

 

फिल्म 'बाइसिकल थीव्ज़' (१९४८) का पोस्टर!
'इतालियन नव वास्तववाद' के एक अग्रणी विट्टोरिओ डी सिका की विश्वविख्यात फिल्म 'बाइसिकल थीव्ज़' (१९४८) और इस जॉनर से प्रभावित अपने भारत के नव-वास्तववादी सिनेमा के अग्रणी सत्यजित राय की चित्रकृति 'पाथेर पांचाली' (१९५५)..ये फिल्में मैंने कई बार देखी, लेकिन दो सवाल मेरे मन मे हमेशा घर किएं हुएं हैं।

 
इन सवालों में एक हैं की..काश, डी सिका की फिल्म का नाम 'बाइसिकल थीव्ज़' नहीं होता और वर्किंग क्लास की समस्याएं उजागर करनेवाला कोई और होता तो? क्यों कि यह नाम पॉपुलर जॉनर की फिल्म का लगता है और पहली बार यह देखनेवाले कुछ अलग (क्राइम थ्रिलर) समझके न देखे! 


फिल्म 'पाथेर पांचाली' (१९५५) का पोस्टर!

 
दूसरा सवाल (या शिकायत) यह की 'पाथेर पांचाली' का क्लाइमैक्स मुझे ठीक नहीं लगा, जिसमें हरिहर राय के परिवार के गाँव में खाली पड़े घर में साँप प्रवेश करता हैं! (जिसपर यह फिल्म बनी वह बिभूतिभूषण बंदोपाध्याय की इस नाम की मूल उपन्यास में ऐसा हो भी!)..ऐसा बताया जाता हैं की बांग्ला लोककथा में खाली घर में वास्तुपुरुष ही साँप के रूप में रहता हैं!..मुझे तो यह अंधविश्वास ही लगता है।

 
 
प्रो. सतीश बहादूर.!
मैंने इसका ज़िक्र फिल्म इंस्टिट्यूट के हमारे 'फिल्म अप्रिसिएशन' के प्रो. सतीश बहादूर से करना मुनासिब समझा; क्योंकि राय की 'पाथेर पांचाली' के वे ही बड़े माहीर माने जाते थे। इस बारे में एक किस्सा मुझे 'एनएफएआइ' के व्यक्ति ने सुनाया था..वह ऐसा था कि एक आंतर राष्ट्रीय फिल्म समारोह के दरमियान सत्यजित राय, सतीश बहादूर और एक फॉरेन जर्नलिस्ट बात कर रहें थें और उसमें उस जर्नलिस्ट ने पूछा, "मिस्टर राय, आय हैव वन क्वेश्चन अबाउट 'पथेर पांचाली'!" तब उसको बीच में टोकते हुए मि. राय ने कहा "एनीथिंग अबाउट 'पाथेर पांचाली'..यू आस्क टू प्रोफेसर बहादूर, बिकॉज़ ही नोज बेटर देन मी!"


ख़ैर, तो मैंने (भी) 'पाथेर पांचाली' के बारे में मेरी शंका प्रो. बहादूर के सामने उपस्थित की। तब (मैं उन के फेवरेट स्टूडेंट्स में से होते हुए भी) वे कुछ परेशानी से बोले, "होऊ कैन यू चैलेंज टू रायज सिनेमैटिक ट्रीटमेंट?" फिर मैने विनयशीलतासे कहा,"सर, मैं चैलेंज नहीं कर रहा हूँ; लेकिन मुझे उसका क्लाइमैक्स सूपर्स्टिशस लगा बस।..और रिस्पेक्टेड राय जैसे इंटलेक्चुअल फिल्ममेकर से ऐसा सीन अनएक्सपेक्टेड लगता हैं!"

अब डी सिका और राय जैसे विश्वविख्यात फिल्ममेकर्स की चित्रकृतियों पर हम क्या सवाल करें??

- मनोज कुलकर्णी

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