'आम्रपाली' (१९६६) में ख़ूबसूरत वैजयंतीमाला! |
"जाओ रे जोगी तुम जाओ रे..
ये है प्रेमिओं की नगरी..
यहाँ प्रेम ही है पूजा..!"
यह गाना आज के हालातों के मद्दे-नज़र मन में गूँज रहा है!
'आम्रपाली' (१९६६) में सुनील दत्त और वैजयंतीमाला! |
शैलेन्द्र साहब ने लिखा यह गाना शंकर-जयकिशन की संगीत निर्देशन में लता मंगेशकरजी ने गाया था!
'आम्रपाली' (१९६६) इस लेख टंडन निर्देशित पचास साल पुरानी अभिजात फ़िल्म में..उसी भूमिका में यह ख़ूबसूरत वैजयंतीमाला ने बखूबी पेश किया था!
'ऑस्कर' के लिए यह फ़िल्म अपने भारत की तरफ से भेजी गयी थी!
इस फ़िल्म ने 'युद्ध विरोधी प्यार की अहमियत' को उजाग़र किया था!!
आज भी यह समकालिन हैं!!
- मनोज कुलकर्णी
['चित्रसृष्टी', पुणे]
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