Thursday 17 February 2022

अलग फ़िल्मों का 'नज़राना' देकर चले गए रवि टंडनजी!


कन्या मशहूर अभिनेत्री रवीना टंडन के साथ जानेमाने फ़िल्मकार रवि टंडन जी!

'वैलेंटाइन वीक' में ही.."खुल्लम खुल्ला प्यार करेंगे हम दोनों.." इस गाने को लेकर ऋषि कपूर-नीतू सिंह जोड़ी की पहली हिट 'खेल खेल में' (१९७५) बनानेवाले जानेमाने फ़िल्मकार रवि टंडन जी ने इस जहाँ से रुख़सत ली!

१९६० में आर. के. नय्यर की 'लव इन शिमला' से उन्होंने बतौर सहाय्यक निर्देशक काम शुरू किया था। नैयरजी की पत्नी मशहूर अभिनेत्री साधना की वह पहली फ़िल्म, जिसमें रविजी ने छोटी भूमिका भी निभाई। बाद में १९७३ में उन्होंने 'अनहोनी' इस सस्पेंस फ़िल्म का स्वतंत्र रूप से निर्देशन किया। इसके नायक संजीवकुमार उनके करीबी दोस्तों में रहें। १९७५ को उसी को लेकर उन्होंने 'अपने रंग हजार' फ़िल्म का निर्माण भी किया।

'खुद्दार' (१९८२) फ़िल्म के शूटिंग के दौरान संजीवकुमार, रवि टंडन और अमिताभ बच्चन!
दरमियान १९७४ में सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को लेकर 'मजबूर' यह हटके फ़िल्म टंडन जी ने बनाई। दिमागी मरीज के अजब स्टंट के इर्दगिर्द घूमनेवाली इस क्राइम - थ्रिलर को सलीम-जावेद जी ने लिखा था। कुछ साल बाद अमिताभ को ही लेकर - (मशहूर कॉमेडियन मेहमूद के भाई) अनवर अली सहनिर्मित 'खुद्दार' (१९८२) इस कादर ख़ान लिखित फ़िल्म को उन्होंने बनाया। 
ये दोनों फिल्मे सुपरहिट रहीं।

अपनी जानीमानी अभिनेत्री स्मिता पाटील अभिनीत 'नज़राना' (१९८७) वो गुज़रने के बाद उसकी स्मृति को समर्पित की गई..यह टंडन जी की भी आख़री फ़िल्म रही!

 
बॉलीवुड स्टार रवीना टंडन उनकी बेटी, लेकिन ग़ौरतलब की ('खुद्दार' बनानेवाले) टंडनजी ने उसे परदे पर लाने के लिए कोई फ़िल्म नहीं बनाई। रवीना ने अपने बलबूते पर १९९१ में 'पत्थर के फूल' से अपना फ़िल्म डेब्यू किया। जी. पी. सिप्पी निर्मित इस हिट फ़िल्म में सलमान ख़ान उसका नायक था।

ख़ैर, सभी जॉनर्स की फ़िल्मे बनाने में माहिर टंडन जी को यह सुमनांजलि!!

- मनोज कुलकर्णी

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