Wednesday 2 September 2020

"ऐ हुस्न ज़रा जाग..
तुझे इश्क़ जगाये.."
लिखनेवाले शकिल बदायुनीजी की 'महबूब'

"ऐ फूलों की रानी..
बहारों की मलिका.."
लिखनेवाले हसरत जयपुरीजी की 'आरजू'

ऐसी जिनकी ख़ूबसूरती पर शायरों की क़लम निछावर हुई वह..साधना जी को जनमदिन पर सुमनांजलि!

- मनोज कुलकर्णी

 

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