Friday 23 August 2019

"कोई दिन के लिए..अपनी निगेहबानी मुझे दे दो.."

संगीतकार ख़य्याम साहब और गायिका-पत्नी जगजित कौर जी एक समारोह में!

मरहूम संगीतकार ख़य्याम साहब की गायिका-पत्नी जगजित कौर जी ने उनकी मौसीक़ी में गाए इस नग़्मे की यह पंक्ति..लगता है अब उनके मन में होंगी!

तुम अपना रंज-ओ-ग़म..
अपनी परेशानी मुझे दे दो
तुम्हे ग़म की कसम..

इस दिल की वीरानी..
मुझे दे दो.."

'शगुन' (१९६४) फ़िल्म में कलाकार पति-पत्नी..कमलजीत और वहीदा रहमान!

साहिर जी ने लिखा वह नग़्मा 'शगुन' (१९६४) फ़िल्म के लिए जगजित कौर जी ने गाया था और परदे पर ख़ूबसूरत लिली राणा ने पियानो पर गाकर सादर किया था। ग़ौरतलब था कि इस फ़िल्म के नायक-नायिका थे कमलजीत और वहीदा रहमान..जो असल ज़िंदगी में भी पति-पत्नी ही थे!

"तुम अपना रंज-ओ-ग़म अपनी परेशानी मुझे दे दो.."
यह 'शगुन' (१९६४) फ़िल्म का गाना परदे पर-
सादर करनेवाली ख़ूबसूरत लिली राणा!

मुझे याद है बंबई में जब 'इंडियन टॉकी के ७५ साल' का समारोह हुआ था, तब जिन बुज़ुर्ग फ़िल्मी हस्तियों को सम्मानित किया गया था..उसमें ख़य्याम साहब और जगजित कौर जी भी थे..तब यह नग़्मा उन्होंने गाया। उसकी सुरेल अनुभूती मैने रूबरू ली! बाद में उनसे हुई मुलाक़ात मेरे लिए यादगार रही!

उसके कुछ साल बाद पुणे में हुई ख़य्याम साहब की महफ़िल में मैने उस लम्हे का और जगजित कौर जी ने गाए उस नग़्मे का ज़िक्र किया तो वो भावुक हुए थे!

आज यह याद आकर मेरी आँखे भी नम हुई है!


- मनोज कुलकर्णी

No comments:

Post a Comment