Monday 15 February 2021


हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन..
दिल को बहलाने को ग़ालिब ये ख़्याल अच्छा है।

अपनी कलम से निकलें नायाब अल्फ़ाज़ों से ज़मीन पर ही जन्नत का अहसास दिलानेवाले..
उर्दू तथा पर्शियन शायरी के अज़ीम-ओ-शान शख्सियत..
मिर्झा ग़ालिब साहब को उनके स्मृतिदिन पर सलाम.!

- मनोज कुलकर्णी
  (मानस रूमानी)

 

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