Wednesday 3 February 2021

 

"चौदहवीं का चाँद हो...
या आफताब हो...
जो भी हो तुम..
खुदा की कसम ..
लाजवाब हो..!"

अपने भारतीय सिनेमा की बेहतरीन अदाकारां वहीदा रहमान पर फ़िल्माया यह रूमानी गीत!

गुरुदत्तजी ने अपनी फ़िल्म 'चौदवीं का चाँद' (१९६०) में यह उनकी तरफ देखकर पेश किया था।

इस फ़िल्म को अब ६० साल हो गएँ हैं, और..
बुजुर्ग अभिनेत्री वहीदा रहमानजी की आज ८३ वी सालगिरह!


याद आ रहा है कुछ साल पूर्व फिल्म समारोह के दौरान उनसे मिलकर हुई बातचीत!

उन्हें मुबारक़बाद!!

- मनोज कुलकर्णी

No comments:

Post a Comment