वैलेंटाइन्स दिनों में याद आया यह रूमानी गाना...
"मौसम है आशिकाना....
ऐ दिल कहीं से उनको..ऐसे में ढूंढ लाना..
कहना के रुत जवां है..और हम तरस रहे है.."
कमाल अमरोही की फ़िल्म 'पाकीज़ा' (१९७१) में उन्होंने ही लिखे इस गीत को
गुलाम मोहम्मद के संगीत में लता मंगेशकर ने गाया और परदेपर मीना कुमारी ने
पेश किया था!
यह दुर्लभ तस्वीर जब वह गाना फ़िल्माया जाना था तब की हैं..जहाँ ख़ूबसूरत मीना कुमारी याने महजबीं बानो (जो ख़ुद अच्छी शायरा थी)..अपनी कलम से कुछ लिख रही हैं!
लाजवाब!!
- मनोज कुलकर्णी
यह दुर्लभ तस्वीर जब वह गाना फ़िल्माया जाना था तब की हैं..जहाँ ख़ूबसूरत मीना कुमारी याने महजबीं बानो (जो ख़ुद अच्छी शायरा थी)..अपनी कलम से कुछ लिख रही हैं!
लाजवाब!!
- मनोज कुलकर्णी
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